क्षेत्र 9% जनसंख्या – 10% अरावली विश्व की प्राचीनतम मोड़दार या वलित प्रकार की पर्वत माला है। इस श्रेणी का निर्माण प्री. क्रैम्बियन युग (लगभग 65 करोड़ वर्श पूर्व) में हुआ था। यह प्रदेश भारतीय महान जल विभाजक 50 सेमी की वर्षा रेखा से सीमांकित है। इस श्रेणी का विस्तार गुजरात के खेड़ब्रह्या (पालनपुर) से दिल्ली तक है, जो 692 किमी. है। इस श्रृंखला की राजस्थान की सीमा मे 550 किमी. लम्बाई है। इसमें राजस्थान के मध्यवर्ती 16 जिले शामिल है। यह विकर्ण का रूप है। अरावली पर्वतमाला गौडवानां लैंड का अवशेष है। इसकी औसत उंचाई 930 मीटर है। राज्य में इसका विस्तार दक्षिण-पष्चिम से उतर पूर्व की ओर है। दिल्ली मे अरावली को रायसीना की पहाड़ियां कहा जाता है। जिस पर राश्ट्रपति भवन स्थित है। यह जनजाति बाहुल्य प्रदेश है। यहाॅ खनिजों कि बाहुल्यता है अर्थात् 70 प्रतिशत खनिज इसी क्षेत्र में। सीसा जस्ता – जावर की खाने-उदयपुर, राजपुरा-दरीबा-अलवर, अगूचा-भीलवाड़ा, धुधरा-डूंगरपुर। लोहा- मोरीजा, बानोला, नीमला, डाबला-सिघांना व नाथरा की पाल। बेरीलियम- उदयपुर, जयपुर, भीलवाड़ा। मैंगनीज – बासंवाड़ा व उदयपुर। पन्ना – काला गुमान, हिरवी व गोगुन्दा। बेराइटस – अलवर। मिट्टी – काली, भूरी व लाल। जलवायु – उप आद्र अरावली को 3 भौतिक उप-प्रदेशों में बांटा गया है – 1.दक्षिणी अरावली प्रदेश- यह पूर्णतया पर्वतीय क्षेत्र है। सिरोही, उदयपुर, राजसंमद मे डूंगरपूर में मुख्य रूप से विस्तृत। (क) भोराठ का पठार- आबू को अलावा सम्पूर्ण प्रदेश। उदयपरु के उ.प. में कुभलगढ व गोगुन्दा का पठार। इस पठार का दक्षिणी भाग अरब सागर व बंगाल कि खाड़ी के बीच जल विभाजन। इसकी औसत ऊचाई – 1225 मी.। भाखर – पूर्वी सिरोही का उबड़-खाबड़ व तीव्र ढाल वाला भाग। इसी क्षेत्र में लसाड़िया का पठार व गिरवा(पहाड़ी का मेखला)। (ख) आबू पर्वत खण्ड- अरावली का श्रेश्ट भाग। ग्रेनाइट से निर्मित। इसे इन्सेलबर्ग(गुम्बद) की संज्ञा दी गई है। इससे सटा हुआ भाग उड़िया पठार(1360 मी.)जिसे राज्य का सबसे उचा पठार कहा जाता है। राजस्थान कि सबसे ऊची चोटी -गुरू शिखर, सिरोही (1722 मी. या 5650 फीट), जिसे सन्तो का शिखर टाॅड ने कहा है। इसे गुरूमाथा भी। यह हिमालय व नीलगीरी के मघ्य कि सबसे ऊॅची चोटी है। सीवाना पर्वतीय क्षेत्र(बालोतरा)- यहाॅ गोलाकार पहाड़िया जिन्हे छप्पन की पहाड़ीया(नाकोड़ा व मेवानगर जहाॅ पाष्र्वनाथ व भैरव मन्दिर)। अन्य प्रमुख चोटियाॅ -सेर (सिरोही, 1597मी), देलवाड़ा, (सिरोही, 1442मी.), जरगा (उदयपुर, 1431 मी) है। अचलगढ(1380), आबू(1295), कुम्भलगढ(1224) सज्जनगढ(938) अन्य सर्वोच्चय चोटियां है। बूंदी में अरावली को – आडावाला पर्वत। चितौड़गढ का पठारी भाग – मेसा का पठार(620मी)- जिस पर चितौड़ का किला है। वास्तव में मुख्य अरावली यही भाग है। जालौर क्षेत्र कि प्रमुख चोटियाॅ – रोजा भाखर(730 मी.), इसराना भाकर, झारोला। इस क्षेत्र के प्रमुख दर्रे – जीलवा या पगल्या कि नाल – यह मेवाड़ व मारवड़ को आने का रास्ता। सोमेष्वर की नाल, हाथी गुढा की नाल, देसुरी की नाल व हल्दीघाटी का दर्रा। (2)मध्य अरावली- जयपुर के द.प. भाग से देवगढ तक। मुख्यतया – अजमेर। औसत ऊचाई – 700 मी। प्रमुख चोटियाॅ अजमेर – सर्वाधिक मोरामजी टाॅडगढ 933.72 मी., तारागढ 870 मी, नागपहाड़- 795 मी.। ब्यावर तहसील मे चार दर्रे है – बर, परवेरिया और शिवपुर घाट, सूराघाट दर्रा, देबारी। गोरम घाट एवं खामली घाट राजसमंद मे जोधपुर से उदयुपर रेलमार्ग पर स्थित है। (3)उतरी अरावली क्षेत्र- जयपुर, दौसा, अलवर, सीकर, झुन्झुनू व नागौर में मुख्यत। औसत ऊंचाई – 450 मी। सबसे ऊंची चोटी रघुनाथगढ़ -(सीकर, 1055मी.), मालखेत (सीकर, 1052 मी.) लोहार्गल (झुंझुंनूं, 1051 मी.), खो(जयपुर, 920), बैराठ(अलवर, 792), बबाई(जयपुर, 780 मी.)। जयपुर कि प्रमुख चोटयाॅ – बरवाड़ा, मनोहरपुरा, जयगढ व नाहरगढ। अलवर कि प्रमुख चोटयाॅ – बिलाली, सिरावास, भानगढ़, अलवर किला।